मोहब्बत हर इन्सान को आज़माती है

Monday, September 24, 2012 · Posted in ,


मोहब्बत हर इन्सान को आज़माती है .....
किसी से रूठ जाती है ....,
तोह किसी पे मुस्कुराती है .....
मोहब्बत चीज़ ही ऐसी है ......
किसी का कुछ नहीं जाता ....
किसी की जान चली जाती है .....!!

मुस्कुराने की कोशिश तो की थी

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मुस्कुराने की कोशिश तो की थी ....
मगर ....,,
फिर भी पलकों पे थोड़ी सी नमीं रह गयी .....
दर्द मुझसे मिलकर रोता रहा ...,
और ....
ख़ुशी थोड़े फासले से देखती रह गयी ......

ये जो !! दीवाने से !! दो चार !! नजर आते है

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ये जो !! दीवाने से !! दो चार !! नजर आते है.
 उनमे कुछ ! साहेबे' अशरार, नजर ! आते है.
 तेरी महेफिल का भरम रखते है, सो जाते है,
 वरना !! ये लोग तो ! बे-दार नजर !! आते है.
 दूर तक कोइ !!! सितारा है न कोई !!! जुगनू,
 मर्ग -ए- उम्मीद के !! आसार' नज़र आते है.
 मेरे दामन मेंतो कांटो'के सिवा कुछ भी नहीं,
 आप' !! "फूलों" के "खरीदार" 'नजर'' आते है.
 दूर तक छु नहीं शक्तिथी फरिस्तो'की नजर,
 आज वो !!! 'रोनक ए 'बाझार' नजर' आते है.
 हश्र में !! कौन !! गवाही' मेरी देगा !!'सागर'!!,
 सब !! तुम्हारे ही ! तरफ-दार 'नज़र' आते है.