जागते है हम तन्हा रातों मे...

Wednesday, October 5, 2011 · Posted in


जागते है हम तन्हा रातों मे...
खोता है दिल उनकी बातों मे...
मिली नही दिल की मंज़िल आज तक...
क्यूंकी दर्द ही दर्द लिखा है इन हाथों मे...
दर्द की किताब है मेरी जिंदगी.