कुछ इस तरह मशरूफ रहते हैं

Friday, October 7, 2011 · Posted in


कुछ इस तरह मशरूफ रहते हैं, तेरे ख्वाबों में अब,
 कि तनहा होकर भी, खालीपन का एहसास नहीं आता .
 साफ़ नज़र आता है, सादी दीवारों पर चेहरा तेरा ,
 तस्वीर सजाकर उसे धुंधला करना, अब रास नहीं आता