चाँद पर दाग हैं

Thursday, September 8, 2011 · Posted in , , ,

चाँद पर दाग हैं सबने कहा चाँद पर दाग हैं मैं नही माना इक तन्हा रात को मैं उससे पूछ बैठा की "ऐ चाँद क्या तुझ पर दाग हैं" वो बोला ये दाग नही माँ का टिका हैं जो मुझे दुनिया की नज़र से बचाता हैं ,,, इंसान ईस बात को समझना नही चाहता उसे तो कमी निकालने की लत पड़ गयी हैं ,,, मैं चुपचाप बैठा उसकी बाते सुन रहा था ,, वो बोला क्या हुआ तुम इतने चुप क्यूँ हो गए नज़रे झुकाकर मैं बोला "मैं भी इक इंसान हूँ"